Not known Facts About shayari in hindi

दहलीज हूँ... दरवाजा हूँ... दीवार नहीं हूँ।

अंधेरा हर तरफ और मैं दीपक की तरह जलता रहा।

वो लम्हे याद करता हूँ तो लगते हैं अब जहर से।

जुल्फें तेरी बादल जैसी आँख में तेरे समंदर है,

मैं धीरे-धीरे उनका दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ,

रास्तों की उलझन में था हमसफर भी छोड़ गए।

कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए।

महफ़िल में रह के भी रहे तन्हाइयों में हम,

सुना है कि महफ़िल में वो बेनकाब आते हैं।

बिछड़ के मुझ से वो दो दिन उदास भी न रहे।

हुजूर लाज़िमी है महफिलों में बवाल होना,

जर्रे-जर्रे Love Quotes में वो है और कतरे-कतरे में तुम।

मैं जागता हूँ तेरा ख़्वाब देखने के लिए।

रहा मैं वक़्त के भरोसे और वक़्त बदलता रहा,

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